Deep Truth
Anything that is a deep truth in life will always turn out to be a deep lie - because it is so simple and so easy.
For me the truth of life is that if the questions are beautiful and good, then your life is happy, because beautiful questions are born from beautiful experiences. I took it from the question entered into the universe and the question itself answered me and made my life happy.
like:
I have a question which I am asking to God and to the universe. I get the answer to that question when I saw a poor person or saw a dry tree. Meaning that I got the answer through a dry tree.
If I hadn't asked that question, I wouldn't have had the experience of a beautiful answer today. Fine!
We all always want to be called intelligent and we are always ready to answer, even if the answer is wrong. If anyone has any problem, then immediately we hear the answer - worship, recite, read the Gita, pray - just trust God - it is late in God's house, there is no darkness. On the other hand- God helps those who help themselves.
'Very good'
Now how do we understand? From here we left - came there and stopped again. If the question is mine, then the answer is also somewhere within me, I have to find it. Whatever anyone says, whatever answer they give, I will never get satisfaction.
One question had opened the door to the universe for me. Whenever we make a question a path, we start getting answers to every path of life.
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गहरा सच
जीवन में कोई भी जो गहरा सच होता है, वो सदा ही गहरा झूठ दिखाई देगा- क्योंकि वो बहुत ही सरल और बहुत ही सहज होता है
मेरे लिए जीवन का सच यही है कि अगर सवाल सुन्दर और अच्छे हैं तो आप का जीवन सुखी है, क्योंकि सुन्दर सवालों का जन्म सुन्दर अनुभवों से ही होता है। मैंने ब्रह्मण्ड में दाखिल सवाल से ही लिया था और सवाल ने ही मेरे को जवाब दिया और मेरा जीना सुखी कर दिया।
जैसे:
मेरे में एक सवाल है जो मैंने खुदा से और ब्रह्मण्ड से पूछ रही हूँ। मेरे उस सवाल का जवाब मुझ को उस वक़्त मिलता है- जब मैंने एक गरीबडे व्यक्ति को देखा या किसी सुके पेड़ को देखा। मतलब कि सुके पेड़ के ज़रिये मेरे को जवाब मिल गया।
अगर मैंने वो सवाल न पूछा होता तो आज मेरे पास खूबसूरत जवाब का अनुभव नहीं होना था। ठीक!
हम सब सदा ही समझदार कहलाना चाहतें हैं और हम जवाब देने केलिए सदा ही त्यार रहतें हैं, चाहे जवाब गलत ही हो। अगर किसी को कोई तकलीफ है तो झटपट हम जवाब सुनते हैं- पूजा किया करो, पाठ किया करो, गीता को पढ़ा करो, प्रार्थना किया करो- बस खुदा पर भरोसा किया करो- खुदा के घर देर है, अंधेर नहीं है। दूसरी तरफ- खुदा उन की मदद करता है, जो खुद की मदद करतें हैं।
'बहुत खूब'
अब हम समझेंगे कैसे? यहाँ से हम चले थे- वहीँ आ कर फिर रुक गए। अगर सवाल मेरा है तो जवाब भी मेरे ही भीतर कहीं पर है, मुझे खोजना ही पड़ेगा। कोई कुछ भी कहे, कुछ भी जवाब दे, कभी भी मेरे को संतुष्टि नहीं मिलेगी।
एक सवाल ने मेरे लिए ब्रह्माण्ड का दरवाज़ा खोल दिया था। जब भी हम सवाल को राह बनाते हैं तो हम को जीवन की हर राह का जवाब मिलने लग जाता है।